Homeन्यूज़गोंडा जिला अस्पताल में बदहाली, एक माह में 27 बच्चों की मृत्यु,...

गोंडा जिला अस्पताल में बदहाली, एक माह में 27 बच्चों की मृत्यु, अनेक ने बिना इलाज अस्पताल छोड़ा

जिला महिला अस्पताल के न्यू बार्न केयर यूनिट में अक्टूबर में 168 बच्चे भर्ती कराए गए थे। 34 बच्चों को दूसरे अस्पताल रेफर किया गया। जबकि, 27 बच्चों की इलाज के दौरान मौत हो गई।

वहीं, 15 बच्चों का बिना पूरा इलाज कराए ही स्वजन लेकर चले गए। मौतों का कारण, सांस लेने में दिक्कत, कम वजन व देर से प्रसव बताया जा रहा है। जिला स्वास्थ्य समिति की बैठक में राजफाश होने के बाद मुख्य चिकित्सा अधीक्षक से जवाब मांगा गया है।

जिला महिला अस्पताल में शिशुओं की देखभाल के लिए न्यू बार्न केयर यूनिट की स्थापना की गई है। यहां गंभीर बीमारी से ग्रस्त नवजात को भर्ती किया जाता है। चिकित्सक उनका इलाज करते हैं, लेकिन बच्चों की मौत के आंकड़े डरा रहे हैं। एक माह में 27 नवजात की मौत का राजफाश होने के बाद प्रबंधन पर सवाल खड़ा हो रहा है।

जिम्मेदार आंकड़े को भी छिपाने का प्रयास करते हैं, लेकिन जिला स्वास्थ्य समिति के समक्ष विवरण प्रस्तुत करना पड़ा, जिसमें मौत का राजफाश हुआ। 15 अभिभावक बच्चों को लेकर क्यों चले गए यह यक्ष प्रश्न है। जानकार बता रहे हैं कि अव्यवस्था से आहत होकर उन्होंने बिना पूरा इलाज कराए अस्पताल छोड़ दिया।

महिला अस्पताल के बाल रोग विशेषज्ञ डा. राम लखन ने कहा कि महिला अस्पताल के न्यू बार्न केयर यूनिट में भर्ती कराए गए अधिकतर नवजात का वजन कम होता है, इससे फेफड़े पूरी तरह से विकसित नहीं हो पाते हैं। सांस लेने में दिक्कत, कम वजन व देर से प्रसव होने की वजह से मौत हुई है।

महिला अस्पताल में व्यवस्था दुरुस्त करा रहे हैं, जिससे कि नवजात की इलाज के दौरान मौत न हो। मौत का कारण बाल रोग विशेषज्ञ ही बेहतर ढंग से बता पाएंगे।

– डा. रक्षारानी चतुर्वेदी, मुख्य चिकित्सा अधीक्षक जिला महिला अस्पताल

Courtesy: Jagran
https://www.jagran.com/uttar-pradesh/gonda-27-children-died-in-one-month-15-left-the-hospital-without-completing-treatment-answer-sought-from-cmo-23604903.htmlhttps://www.jagran.com/uttar-pradesh/gonda-27-children-died-in-one-month-15-left-the-hospital-without-completing-treatment-answer-sought-from-cmo-23604903.html