लखनऊ के गोमतीनगर स्थित निजी अस्पताल में इलाज के दौरान मरीज की मौत हो गई। परिजनों का आरोप है कि मौत के बाद बिल बढ़ाने के लिए शव को बेड पर लिटाए रखा गया। परिजन जब वार्ड में जबरन दाखिल हुए तो मरीज का शव देखा। शव काला पड़ा चुका था। परिजन शव ले जाने लगे तो स्टाफ ने बकाए भुगतान मांगा। भुगतान के अभाव में शव देने से इनकार कर दिया। परिवारीजनों ने हंगामा शुरू कर दिया। मौके पर पुलिस पहुंची। पीड़ित परिजनों को शव दिलाया। तब जाकर हंगामा शांत हुआ।
बलिया निवासी तपेश्वर यादव (80) को परिजन रविवार को बेहोशी की हालत में लोहिया संस्थान की इमरजेंसी में लेकर पहुंचे। यहां डॉक्टरों ने बेड खाली न होने की बात कही। मरीज को पीजीआई ले जाने की सलाह दी। एम्बुलेंस के दलाल मरीज को गोमतीनगर के निजी अस्पताल में लेकर चले गए। मरीज को आईसीयू में भर्ती किया गया।
बेटे अजय यादव का आरोप है अस्पताल के कर्मचारियों ने दोपहर बाद से मरीज से मिलने नहीं दिया। शाम को विरोध करने बाद परिजन आईसीयू में पहुंचे, तो देखा मरीज को सांस नहीं चल रही थी। शरीर भी काला पड़ चुका था। बेटे ने बताया 24 घंटे इलाज दौरान करीब सवा लाख रुपए वसूल लिए गए।
50 हजार दो तब मिलेगा शव
अस्पताल कर्मचारियों ने 50 हजार बकाया मांगा। कहा बिना बकाया भुगतान शव नहीं मिलेगा। परिवारीजनों ने मौत बाद भी शव लिटाए रखने का आरोप लगाते हुए हंगामा शुरू कर दिया। जिसे लेकर स्टॉफ भड़क उठे। स्टॉफ-परिजन भिड़ गए। दोनों के बीच जमकर मारपीट हुई। मामले की सूचना पाकर आई पुलिस ने शव दिलवाया। परिजनों ने सीएमओ को शिकायत पत्र भेजा है। उधर, अस्पताल प्रशासन का कहना है कि परिवारीजनों ने महज 10 हजार रुपये जमा किए थे। तीमारदारों ने पहले महिला स्टॉफ से मारपीट किया था। जिसके बाद अस्पताल प्रशासन ने पुलिस बुला ली।
Courtesy: Livehindustan
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