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टिप्सः क्या हैं मानसिक स्वास्थ्य में बाधा के लक्षण…कैसे रखें अपने मानसिक स्वास्थ्य की देखभाल

नई दिल्लीः मानसिक स्वास्थ्य भी उतना ही जरूरी है जितना शारीरिक स्वास्थ्य। वास्तविकता तो ये है कि जीवन में मानसिक स्वास्थ्य जीवन में हर अच्छी चीज का स्रोत है। इसके बावजूद लोग मानसिक स्वास्थ्य संबंधी मुद्दों को या तो नकारते हैं या उन्हें इस विषय में समझ ही नहीं होती। विश्व में असंख्य लोग तनाव, चिंता, अवसाद आदि जैसी परेशानियां झेलते हैं लेकिन समझ नहीं पाते कि इनसे कैसे आजाद हों।

आगे बढ़ने से पहले समझते हैं कि मानसिक स्वास्थ्य में बाधा के लक्षण क्या हैंः

1. भावनाओं का असामान्य ज्वार अथवा भावनाओं पर नियंत्रण का अभाव
2. लगातार नकारात्मकता
3. सदैव चिंतित रहना
4. अवसाद
5. भूख में कमी
6. नींद न आना
7. शारीरिक ऊर्जा में कमी, अनावश्यक आलस्य

अब जानते हैं कि आप सामान्य परिस्थितियों में अपने मानसिक स्वास्थ्य की कैसे देखभाल कर सकते हैंः

नियमित व्यायाम
व्यायाम हमारे आंतरिक स्वास्थ्य पर व्यापक प्रभाव डालता है। ये तनाव, चिंता, अवसाद आदि कम करने, मूड को बेहतर करने और निद्रा की गुणवत्ता बढ़ाने में सहायक होता है। व्यायाम में बहुत सी गतिविधियां शामिल होती हैं जैसे चलना, दौड़ना, योग जिमिंग आदि। आप अपनी सुविधानुसार कोई भी व्यायाम चुन सकते हैं और उसके अनुसार अपना टाइमटेबल बना सकते हैं।

पर्याप्त नींद

नींद आपके आंतरिक स्वास्थ्य में महत्वपूर्ण भूमिका अदा करती है। नींद की कमी से आपको मूड स्विंग या अनावश्यक चिंता हो सकती है। दूसरी ओर पर्याप्त नींद मूड बेहतर करती है और तनाव कम करके आपकी उत्पादकता को बढ़ाती है। दिन में कम से कम 7-8 घंटे की नींद अवश्य लें।

भाईचारा और दोस्ती बढ़ाएं, लोगों से संपर्क में रहें
समाजिक संपर्क आंतरिक स्वास्थ्य के लिए बहुत जरूरी है। अपने परिजनों, मित्रों के साथ समय व्यतीत करने से तनाव कम होता है और मूड बेहतर होता है। इससे आपसी संबंधों में प्रगाढ़ता और मधुरता आती है। आप अपनी रूचि के अनुसार कोई क्लब या संस्था के सदस्य भी बन सकते हैं।

तनाव दूर करने के लिए उपाय
तनाव जीवन का सामान्य हिस्सा है। लेकिन आपके मानसिक स्वास्थ्य पर इसके नकारात्मक प्रभाव भी हो सकते हैं। तनाव का सामना करने या उसे झेलने के कुछ उपाय भी हैं जैसेः

1. अवेयरनेस या जागरूकता
अवेयरनेस का अर्थ है वर्तमान में जीने का अभ्यास करना और अपनी बेलगाम अभिलाषाओं पर लगाम लगाना। इससे आपका मूड बेहतर होगा, तनाव कम होगा और आप खुद को हालात के अनुसार ढाल पाएंगे। इसके लिए आप गहरी सांसें लें या

योग और ध्यान का अभ्यास करें।

2. व्यायाम- ध्यान
तनाव करने के अनेक तरीके हैं जैसे व्यायाम, ध्यान, रिलैक्स करना, दोस्तों से बात करना आदि। आप समझने की कोशिश करें कि इनमें से कौन सा तरीका आपके लिए सर्वश्रेष्ठ है।

3. अवकाश
अवकाश आपके मानसिक स्वास्थ्य के लिए बहुत आवश्यक है। रोजमर्रा की व्यस्तता में आप अवकाश लेना भूल जाते हैं। अवकाश आपका मूड और उत्पादकता सुधारते हैं और आपको अचानक ही कोलेप्स होने से बचाते हैं।
अवकाश का अर्थ सिर्फ साप्ताहिक अवकाश नहीं। इसका अर्थ है अपनी रोजमर्रा की जिम्मेदारियों और काम से कुछ समय के लिए छुट्टी लेना और किसी पिकनिक या यात्रा आदि पर जाना। वैसे आप इस दौरान प्रकृति के बीच सैर भी कर सकते हैं, मनवांछित किताब पढ़ सकते हैं या अपने परिजनों और मित्रों के साथ समय व्यतीत कर सकते हैं। आप स्वयं तय करें कौन सी गतिविधि आपको तनाव रहित करती है और पुनः ऊर्जा से सराबोर करती है।

विशेषज्ञों की सहायता
यदि आपको लगता है कि आपको कोई परेशानी है जो रोजमर्रा के उपायों से ठीक नहीं हो रही तो आपको विशेषज्ञ की सहायता लेनी चाहिए। वो आपको कठिन परिस्थितियों से बाहर निकालने के लिए परामर्श या दवाएं दे सकता है। वो आपको ये समझा सकेगा कि आप जिन हालात से गुजर रहे हैं उन्हें कैसे समझें और सुलझाएं और कैसे मुश्किलों से बाहर निकलें।

(डिस्क्लेमरः यह जानकारी उपलब्ध सामान्य जानकारियों पर आधारित है। यदि आप किसी गंभीर समस्या से पीड़ित हैं तो अविलंब विशेषज्ञ की सहायता लें।)

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