Homeडायबिटीजमधुमेह रोगियों को ज्यादा होता है यूटीआई का जोखिम, जानिए इसका कारण...

मधुमेह रोगियों को ज्यादा होता है यूटीआई का जोखिम, जानिए इसका कारण और बचाव के उपाय

डायबिटीज की समस्या दिन प्रतिदिन बेहद आम होती जा रही है। इस स्थिति में बढ़ता ब्लड शुगर लेवल, शरीर के लिए तमाम परेशानियां खड़ी कर सकता है। वहीं आपको मालूम होना चाहिए की डायबिटीज आपके इंटिमेट हेल्थ को भी प्रभावित कर सकती है। जी हां! डायबिटीज से पीड़ित मरीजों में यूटीआई यानी कि यूरिनरी ट्रैक इन्फेक्शन का अधिक खतरा होता है। ऐसे लोगों में बार-बार यानी की अधिक फ्रिक्वेंटली UTI हो सकता है, और यूटीआई को ठीक होने में भी अधिक समय लगता है। वहीं डायबिटीज महिला हों या पुरुष दोनों के रिप्रोडक्टिव और सेक्सुअल एक्टिविटीज को डिस्टर्ब कर देती हैं।

डायबिटीज में अधिक फ्रिक्वेंटली यूटीआई होने के कारण और इससे बचाव के उपाय जानने के लिए हेल्थ शॉट्स ने सीके बिरला हॉस्पिटल गुरुग्राम की ऑब्सटेट्रिक्स और गाइनेकोलॉजिस्ट डॉक्टर अस्था दयाल से बात की। डॉक्टर ने डायबिटीज के मरीजों में यूटीआई (uti and diabetes) के कारण बताते हुए इससे बचाव के कुछ जरूरी टिप्स दिए हैं। तो चलिए जानते हैं इस बारे में अधिक विस्तार से।

महिलाओं को ज्यादा होता है यूटीआई का जोखिम
यूटीआई (UTI) एक प्रकार का बैक्टीरियल इंफेक्शन है, जो यूरिनरी सिस्टम, ब्लैडर, यूरेथ्रा और किडनी को प्रभावित कर सकता है। हालांकि, यूटीआई की स्थिति में ज्यादातर केस में ब्लैडर और यूरेथ्रा पर प्रभाव पड़ता है। यूटीआई हम तौर पर E. Coli नामक बैक्टीरिया के कारण होता है। यह समस्या पुरुषों से ज्यादा महिलाओं को प्रभावित करती है।

क्यों डायबिटीज के मरीजों में होता है यूटीआई का अधिक खतरा (uti and diabetes)
डायबिटीज के मरीजों में आमतौर पर यूटीआई का अधिक खतरा होता है। रिसर्च की माने तो यूटीआई डायबिटीज के मरीजों में होने वाला सबसे कॉमन बैक्टीरियल इंफेक्शन है। डायबिटीज के मरीजों में बढ़ता ब्लड शुगर लेवल इम्यूनिटी को कमजोर कर देता है, जिसकी वजह से शरीर की कीटाणुओं से लड़ने की क्षमता कम हो जाती हैं। इस स्थिति में यूरिनरी ट्रैक इन्फेक्शन का खतरा बढ़ जाता है।

बॉडी में ब्लड शुगर का बढ़ता स्तर कीटाणुओं के ग्रोथ के लिए एक बेहद हेल्दी एनवायरमेंट होता है। जब शरीर में ब्लड शुगर बढ़ा होता है, तो आपके यूरिन में भी शुगर की मात्रा बढ़ जाती है। जिसकी वजह से ब्लैडर में स्टोर यूरिन से बैक्टीरिया अधिक आकर्षित होते हैं और संक्रमण का कारण बन सकते हैं।

शरीर में ब्लड शुगर लेवल के बढ़ने से डायबीटिक न्यूरोपैथी की स्थिति उत्पन्न हो सकती है। जो एक प्रकार का नर्व डैमेज है, जिसकी वजह से ब्लैडर कंट्रोल करने वाले नर्व डैमेज हो जाते हैं। ऐसे में ब्लैडर पूरी तरह से खाली नहीं हो पाता, जिसकी वजह से बैक्टीरियल ग्रोथ बढ़ सकता है। वहीं यह यूटीआई जैसे तमाम अन्य संक्रमण का कारण बनता है।

यूटीआई की स्थिति में नजर आ सकते हैं ये सामान्य लक्षण
फ्रिक्वेंट यूरिनेशन, यूरिन पास करते हुए दर्द या फिर जलन होना, क्लाउड यूरिन, यूरिन से अत्यधिक स्मेल आना, पेट के निचले हिस्से में दर्द का अनुभव, यूरिन में ब्लड आना, फीवर, ठंड लगना, थकान और कमजोरी महसूस होना, जी मचलना और उल्टी आने जैसे लक्षण देखने को मिल सकते हैं।

जानें डायबिटीज में यूटीआई से बचाव के लिए क्या करना चाहिए
डायबिटीज की स्थिति में ऊटी से बचाव का सबसे आसान तरीका है, ब्लड शुगर लेवल का नियमित जांच करते रहना। जब ब्लड शुगर लेवल सामान्य रहता है, तो डायबिटीज की स्थिति में भी बीमारियों का खतरा कम हो जाता है। इसके लिए खानपान का विशेष ध्यान रखें, साथ ही डॉक्टर द्वारा प्रिसक्राइब्ड दवाइयों को समय पर लें और शारीरिक गतिविधियों में भी भाग लेती रहे।

साथ ही पर्याप्त मात्रा में पानी पीना बहुत जरूरी है, और यूरिन पास करने की इच्छा होने पर इसे रोकें नहीं, ब्लैडर को पूरी तरह खाली करना जरूरी है। यूरिन रोकना या जल्दबाजी में ब्लैडर को पूरी तरह खाली न होने देने से भी इन्फेक्शन का खतरा बढ़ जाता है।

हालांकि, इंटिमेट हाइजीन मेंटेन करना सभी के लिए बेहद महत्वपूर्ण है, परंतु यदि आपको डायबिटीज है तो दिन में एक बार अपने अंडरगारमेंट्स को जरूर बदले। इसके अलावा कॉटन के क्लीन अंडरगारमेंट्स पहने साथ ही साथ इसे यूरिन पास करने के बाद इंटिमेट एरिया को ड्राई करना न भूले।