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पार्टनर की फोटो देखने से मिट सकता है शरीर का दर्द! स्टडी में सामने आई चौंकाने वाली बातें

Ways To Reduce Body Pain: आजकल के लाइफस्टाइल में बदन दर्द से हर कोई परेशान रहता है। सिरदर्द हो या शरीर के अन्य हिस्सों में होने वाला दर्द, इसे ठीक करने के लिए कम उम्र के लोग भी आज पेनकिलर्स का सहारा लेते नजर आते हैं। ऐसे में अगर आपसे कहा जाए, कि अपने पार्टनर की तस्वीर देखने से आपका यह दर्द कम हो सकता है, तो आपको कैसा लगेगा?
जी हां, यह हम नहीं कह रहे हैं, बल्कि एक स्टडी में इस बात की जानकारी सामने आई है, कहा गया है कि रोमांटिक पार्टनर या वे लोग जो आपके दिल के बेहद करीब हैं, उनकी फोटो देखने से आपको सिरदर्द, पेट दर्द या शरीर के अन्य हिस्सों में होने वाले दर्द से राहत मिल सकती है। आइए आपको बताते हैं इस स्टडी से जुड़ी दिलचस्प बातें।

पार्टनर की फोटो से कम हो सकता है दर्द
नेशनल सेंटर फॉर बायोटेक्नोलॉजी इन्फॉर्मेशन (NCBI) की रिपोर्ट बताती है कि की रिपोर्ट की तस्वीर देखने से शरीर का दर्द कम किया जा सकता है। रोमांटिक रिश्ते के शुरुआती दौर में लोगों के मन में पार्टनर को लेकर कई इमोशंस होते हैं। इसे न्यूरोइमेजिंग रिसर्च में मानव मस्तिष्क में रिवॉर्ड सिस्टम के एक्टिवेशन से जोड़ा गया।

स्टडी में पाया गया कि ये इमोशंस मनुष्यों में दर्द को मैनेज करने में काफी मददगार सबित हो सकता है। दरअसल, ब्रेन का रिवार्ड सिस्टम फार्माकोलॉजिकल एक्टिवेशन से दर्द को कम कर सकता है। शोधकर्ताओं का अनुमान है कि पार्टनर की फोटो देखने से होने वाले न्यूरोलॉजिकल एक्टिवेशन की वजह से ऐसा हो सकता है। इसे लेकर कई रिसर्च में पॉजिटिव नतीजे भी देखने को मिले हैं।

शोध में सामने आई हैरान करने वाली बात
आपको बता दें, कि फंक्शनल मैग्नेटिक रेजोनेंस इमेजिंग (FMRI) की इस स्टडी में 15 ऐसे लोगों को शामिल किया गया, जो अपने रिलेशनशिप के शुरुआती 9 महीने में थे। शोध के पहले टास्क में सभी प्रतिभागियों ने मीडियम और तेज दर्द के साथ अपने पार्टनर की फोटो देखी। दूसरे टास्क में उन्हें एक परिचित और आकर्षक शख्स की फोटो दिखाई गई, वहीं तीसरे टास्क में उन्हें डिस्ट्रेक्शन के लिए शब्दों से जुड़ा एक टास्क पूरा करने के लिए दिया गया।

रिसर्च में शमिल हुए लोगों की सेल्फ रिपोर्ट में पाया गया कि पार्टनर की फोटो देखने पर ही इन लोगों का न्यूरल रिवार्ड सिस्टम एक्टिव हुआ, जिससे इन्हें दर्द से राहत मिली। नतीजे बताते हैं कि नॉन-फार्माकोलॉजिकल तरीकों से न्यूरल रिवॉर्ड सिस्टम की सक्रियता दर्द के अनुभव को कम कर सकती है।