Overall Health

बच्चों की परवरिश के दौरान माता-पिता को कई ऐसी स्थितियों से गुजरना पड़ता है जिसमें वे समझ नहीं पाते कि उस परिस्थिति को संभालने के लिए क्या करना चाहिए। कई बच्चे ऐसे होते हैं जो कुछ ज्यादा इमोशनल होते हैं और ऐसे बच्चे अक्सर हर बात पर परेशान हो जाते हैं। बात-बात पर परेशान होने वाले बच्चों को संभालने के लिए माता-पिता कई बार ऐसे कदम उठा लेते हैं जो कि आगेचलकर बच्चों के लिए नकारात्मक हो सकते हैं। बच्चों का बात-बात पर परेशान होना सामान्य नहीं होता है अगर बच्चों को सही तरीके से हैंडल नहीं किया गया तो आगे चलकर ये आदत उनमें हमेशा के लिए विकसित हो सकती हैं। बात-बात पर परेशान होने वाले बच्चे बहुत ज्यादा चिड़चिड़ापन के शिकार हो सकते हैं और उनके व्यवहार में भी कई बदलाव देखने को मिलते हैं। ऐसे बच्चों के मेंटल हेल्थ को बूस्ट करने के लिए आपको कुछ जरूरी बातों का ध्यान रखना चाहिए। आइये जानते हैं बात-बात पर परेशान होने वाले बच्चों को हैंडल करने के टिप्स।

बात-बात पर परेशान करने वाले बच्चों को हैंडल करने के टिप्स (Tips To Handle Emotionally Sensitive Kids in Hindi)
1. बच्चों के साथ समय बिताएं
इमोशनल या बात-बात पर परेशान होने वाले बच्चों को हैंडल करने के लिए जरूरी यह है कि उन्हें समय दिया जाए। दिन में समय निकालकर उनके साथ खेलने से आप उनसे घुल-मिल सकते हैं। उनके बारे में जानने के लिए उनके साथ समय बिताना जरूरी है।

2. बहुत ज्यादा सख्‍ती से पेश न आएं
जो बच्‍चे ज्‍यादा इमोशनल होते हैं उनके साथ सख्‍ती से पेश न आएं। ऐसे बच्‍चों से आपको नर्मी बरतनी होगी। जो बच्‍चे ज्‍यादा इमोशनल होते हैं वो ज्‍यादा समझदार भी होते हैं, आप उन्‍हें कोई बात प्‍यार से समझाएंगे तो वो आसानी से समझ पाएंगे वहीं अगर आप सख्‍ती द‍िखाएंगे तो बात ब‍िगड़ सकती है। बहुत ज्यादा इमोशनल बच्चे सख्ती से पेश आने की वजह से और ज्यादा प्रभावित हो सकते हैं।

3. बच्‍चों के इमोशन्‍स को समझें
बात-बात पर परेशान होने वाले बच्चों को हैंडल करने के लिए उनके इमोशन को समझना बहुत जरूरी है। हो सकता है कि बच्चा जिस बात से परेशान हो रहा हो वह परेशानी आपके लिए उतनी बड़ी न हो या आपको बड़ी न लगती हो लेकिन बच्चे के लिए वह परेशानी बड़ी हो सकती है। इसल‍िए ल‍िए आपको बच्‍चे का दोस्‍त बनकर उसके स्‍तर पर मुमक‍िन तरीका बच्‍चे को बताना होगा साथ ही उसका मजाक बनाने की गलती न करें, जो बच्‍चे ज्‍यादा इमोशनल होते हैं उनके इमोशन्‍स की कद्र जरूर करें।

4. बच्चे को अपनी परेशानी खुद सुलझाने के लिए प्रेरित करें
बच्चे जिन समस्याओं को लेकर परेशान हो जाते हैं उन्हें सॉल्व करने के लिए उन्हें खुद प्रेरित करने से उनका आत्मविश्वास बढ़ता है। एक दो बार परेशान होने पर अगर बच्चे अपनी समस्या खुद सॉल्व कर लेते हैं तो इसकी वजह से उनका आत्मविश्वास बढ़ता है और आगे चलकर वे आत्मनिर्भर बनते हैं।

5. बच्चों को फिजिकल एक्टिविटी के लिए प्रेरित करें
बच्चों को आउटडोर एक्टिविटी के लिए प्रेरित करने से वे खेलकूद के प्रति जागरूक होंगे। बच्चों का मन अगर फिजिकल एक्टिविटी में लगता है तो इससे उनका शारीरिक और मानसिक विकास होता है। कई एक्सपर्ट्स ये कहते हैं कि क्रिकेट, बैडमिंटन, रेसिंग, वॉकिंग, जॉगिंग जैसी एक्टिविटी करने से आपके बच्चे का शारीरिक विकास तो ठीक होता हे है इसके साथ ही बच्चों का मानसिक विकास भी तेजी से होता है और वे मानसिक रूप से स्ट्रांग बनते हैं।

इमोशनल बच्चे या बात-बात पर परेशान होने वाले बच्चों के साथ समय बिताने, उनकी भावनाओं को समझने और उनके साथ अच्छे तरीके से व्यवहार करने से वे आसानी से संभल जाते हैं।



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