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आइने से बातें करना आपके कॉन्फिडेंस को नेक्स्ट लेवल पर ले जा सकता है, जानिए इसके फायदे

जीवन में सफलता पाने के लिए किसी भी व्यक्ति में सेल्फ कॉफिडेंस का होना बेहद ज़रूरी है। अपने अंदर आत्मविश्वास जगाने के लिए लोग कई प्रकार के कोर्स और वर्कशॉपस में हिस्सा लेते हैं। मगर वे एक्सप्रेसिव बनने और खुद को साबित करने में सफल नहीं हो पाते हैं। अगर आप भी अपने अस्तित्व की खोज में निकल पड़े हैं और आत्मविश्वास की चाबी से जीवन के सभी सुनहरे मौकों को हासिल करना चाहते हैं, तो मिरर टॉक बेहतरीन विकल्प है। इसकी मदद से न केवल आत्मविश्वास बढ़ता है बल्कि और भी कई फायदे मिलते हैं। जानते हैं कि कैसे मिरर टॉक है फायदेमंद (mirror talk benefits)।

मिरर टॉक किसे कहते हैं
जर्नल ऑफ मिरर हीलिंग के अनुसार मिरर हीलिंग का सिद्धांत इस बात पर निर्भर करता है कि कुछ देर तक व्यक्ति के प्रतिबिंब को शीशे में देखने के बाद वो उस व्यक्ति की आंतरिक भावनाओं को दर्शाने लगता है। इससे व्यक्ति में आत्मविश्वास बढ़ने लगता है। इसका मकसद पॉजिटिव सेल्फ टॉक है, जो व्यक्ति अपने बारे में सकारात्मक बात करता है उसे वैसी ही अनुभूति होने लगती है। शुरूआत में कुछ लोगों को मिरर टॉक में आई कॉटेक्ट करने में दिक्कत का सामना करना पड़ता है। मगर धीरे धीरे इससे जीवन में कई बदलाव आने लगते हैं।

क्यों दी जाती है मिरर टॉक की सलाह
इस बारे में मनोचिकित्सक डॉ युवराज पंत बताते हैं कि वे लोग जो सोशली आइसोलेट रहते है और जिन्हें अन्य लोगों से बात करने में हिचक महससू होती है, उन्हें मिरर टॉक करने की सलाह दी जाती है। इससे व्यक्ति के अंदर सोशल फोबिया धीरे धीरे कम होने लगता है और सेल्फ रीइनफोर्समेंट बढ़ता चला जाता है। अब व्यक्ति ये मानने लगता है कि वो पूरी तरह से कॉफिडेंट है और उसका सोशल सर्कल वाइड होने लगता है। ऐसे में व्यक्ति के विचारों में सकारात्मकता बढ़ने लगती है और वो खुशहाल रहने लगता है।

जानें मिरर टॉक के कुछ फायदे

1. कॉफिडेंस बूस्टर
मिरर टॉक ऐसे लोगों के भीतर आत्मविश्वास को पैदा करने का विकल्प है, जो जीवन में आइसोलेट होने लगते हैं। वे चार दीवारी के भीतर अपना जीवन बिताने लगते हैं। ऐसे व्यक्ति के अंदर कॉफिडेंस को रीजनरेट करने के लिए उन्हें दिन में 15 मिनट मिरर टॉक की सलाह दी जाती है। इससे व्यक्ति के अंदर बढ़ने वाला भय कम होने लगता है।

2. फोबिया होगा दूर
डॉ युवराज पंत के अनुसार सोशल फोबिया के चलते कुछ लोग डरे और सहमे हुए नज़र आते हैं। वे किसी समूह के समक्ष अपने विचारों को व्यक्त करने में कतराने लगते हैं। उनके मन में बसे इस भय को दूर करने के लिए उन्हें मिरर टॉक थेरेपी सजेस्ट की जाती है। इसके नियमित अभ्यास से व्यक्ति के मन में उठने वाले अलग अलग तरह के विचार सकारात्मकता में परिवर्तित होने लगते है। इससे व्यक्ति के अंदर बसे फोबिया को दूर करने में मदद मिलती है।

3. सोशल सर्कल बनेगा वाइड
अलग थलग रहने वाले लोग जब मिरर टॉक के दौरान अपने बारे में अच्छे विचार पेश करते है, तो वही पॉजिटिव एनर्जी उनके शरीर में स्टोर होने लगती है। इससे व्यक्ति खुद को एक्विट और एनर्जी से भरपूर समझने लगता है। इसकी मदद से वो दूसरों के सामने अपने विचारों को व्यक्ति करने से हिचकिचाहट महसूस नहीं करता, जिससे सोशन सर्कल बढ़ने लगता है।

4. सेल्फ इस्टीम में बढ़ोतरी
दिनभर में 15 मिनट तक मिरर टॉक करने से व्यक्ति के अंदर सेल्फ इस्टीम की भावना बढ़ने लगती है। अब वो किसी की गलत बात को बर्दाशत नहीं करता और अपने सम्मान को लेकर सतर्क हो जाता है। मिरर टॉक से मन में सेल्फ लव की भावना को बढ़ावा मिलता है। अकेले अपने प्रतिबिंब से कुछ देर तक बात करने से व्यक्ति खुद को समझ पाता है।

मिरर टॉक के दौरान किन बातों का रखें ख्याल

1. नकारात्मक शब्दों के प्रयोग से बचें
जब भी मिरर टॉक के लिए जाएं, तो अपने बारे में सकारात्मक और उचित शब्दों का प्रयोग करें। आपकी शब्दावली आपके व्यक्तित्व पर गहरा प्रभाव डालती है। अपने जीवन में आगे बढ़ने और कॉफिडेंस बूस्ट करने में मदद मिलती है।

2. क्वालिटीज़ को हाईलाइट करें
मेंटल हेल्थ को बूस्ट करने के लिए अपनी खूबियों पर चर्चा करें। जीवन में किए गए अपने बेहतरीन कार्यो को याद करें और उसके बारे में खुद से चर्चा करें। इससे आपके चेहरे पर खुद ब खुद खुशी नज़र आने लगती है, जो मानसिक स्वास्थ्य को उचित बनाए रखता है।

3. अपने लक्ष्यों पर विचार करें
जीवन में अपने टारगेट्स को अचीव करने के लिए अपने प्रतिबिंब से अपने फ्यूचर प्लान्स को डिस्कस करें। इससे आपका दिमाग उस कार्य को करने की ओर सतर्क हो जाता है और व्यक्ति अपने टारगेट्स को अचाव करने में समर्थ हो पाता है।