Overall Health

डॉ. राजेंद्र प्रसाद मेडिकल कालेज एवं अस्पताल कांगड़ा स्थित टांडा में किडनी ट्रांसप्लांट के 18 जून को हुए सफल ऑपरेशन में मां ने बेटी और पिता ने बेटे को किडनी दान देकर नया जीवन दिया। दोनों डोनर को छुट्टी मिल गई है।

युवक व युवती जिनको किडनी डाली गई है, भी स्वस्थ हैं उन्हें सोमवार तक डिस्चार्ज किया जा सकता है। टांडा मेडिकल कालेज में पहला लाइव रिलेटिव किडनी ट्रांसप्लांट करने के लिए सरकार ने किडनी ट्रांसप्लांट व नेफ्रोलॉजी विभाग के विशेषज्ञों, नर्सिंग, सहायक स्टाफ, प्राचार्य व चिकित्सा अधीक्षक की पीठ थपथपाई है।

क्या बोले डॉक्टर
पर्यटन विकास निगम के अध्यक्ष आरएस बाली व टांडा मेडिकल कालेज के प्राचार्य डॉ. मिलाप शर्मा ने शनिवार को टांडा में पत्रकारों से बातचीत में किडनी ट्रांसप्लांट के संबंध में विस्तृत जानकारी दी। हिमाचल में किडनी ट्रांसप्लांट करने वाला टांडा मेडिकल कॉलेज इस समय प्रदेश का इकलौता संस्थान हैं। आइजीएमसी में अभी किडनी ट्रांसप्लांट के ऑपरेशन बंद हैं और एम्स बिलासपुर में अभी यह सुविधा शुरू नहीं हो पाई है।

62 वर्षीय पिता ने दी किडनी
टांडा मेडिकल कालेज में 18 जून को किए गए किडनी ट्रांसप्लांट ऑपरेशन में 24 वर्षीय युवती को 52 वर्षीय उसकी माता व 29 वर्षीय युवक को 62 वर्षीय उसके पिता ने किडनी दी। युवती दो साल व युवक एक साल से डायलिसिस पर था। दोनों कांगड़ा जिले के रहने वाले और गरीब परिवार से संबंध रखते हैं। दोनों ऑपरेशन पीजीआइ चंडीगढ़ के किडनी ट्रांसप्लांट विभाग के अध्यक्ष डॉ. आशीष शर्मा व उनकी टीम की निगरानी में किए गए।

सेवा करने का मिला मौका
टांडा मेडिकल कॉलेज में 30 रोगियों ने किडनी ट्रांसप्लांट के लिए पंजीकरण करवाया है। किडनी ट्रांसप्लांट विभाग के विशेषज्ञ डा. अमित शर्मा ने शाहपुर के विधायक केवल सिंह पठानिया का विशेष आभार जताया। उन्होंने कहा कि केवल सिंह पठानिया के कारण ही वह टांडा में हैं और आज यहां के लोगों की सेवा करने का मौका मिला है। पत्रकार वार्ता में टांडा मेडिकल कालेज के अतिरिक्त निदेशक मेजर डॉ. अवनिंद्र कुमार, चिकित्सा अधीक्षक डा. अशोक वर्मा, डा. धीरज कपूर, डा. अमित जोशी व डा. संजीव, अराजपत्रित कर्मचारी महासंघ टांडा के अध्यक्ष राजीव राणा व अन्य उपस्थित रहे।

इस योजना के तहत हुआ ऑपरेशन
युवती का ऑपरेशन केंद्र सरकार की आयुष्मान भारत व युवक का हिमाचल सरकार की हिमकेयर योजना के तहत किया गया। प्रति ऑपरेशन 1.96 लाख रुपये खर्च आया। दोनों रोगियों को एक साल तक निःशुल्क दवाएं भी स्वास्थ्य बीमा योजनाओं के तहत मुहैया करवाई जाएंगी।
Courtesy: Jagran

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