डेंगू के मामले बढ़ने के साथ ही बकरी के दूध की कीमत में भी इजाफा हो गया है। लेकिन क्या वाकई बकरी का दूध पीने से डेंगू ठीक हो जाता है?
मानसून शुरू होते देश के विभिन्न राज्यों में डेंगू का डंक शुरू हो चुका है। राजधानी दिल्ली में जून में 246 मामले डेंगू के दर्ज किए गए थे। देश के दूसरे राज्य कर्नाटक में डेंगू के सबसे ज्यादा मामले सामने आए हैं। आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, कर्नाटक में डेंगू के 7 हजार से ज्यादा केस दर्ज किए जा चुके हैं। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, आने वाले दिनों में डेंगू के मामले और भी ज्यादा बढ़ सकते हैं। डेंगू के बढ़ते मामलों के बीच एक बार फिर बकरी के दूध की कीमत आसमान छूने लगी है। वर्तमान में बकरी के दूध की कीमत 500 से 700 रुपये किलो हो गई है। दरअसल, आम लोगों का ऐसा मानना है कि डेंगू के बुखार में अगर बकरी के दूध का सेवन किया जाए, तो यह तेजी से रिकवरी में मदद करता है। लेकिन क्या वाकई बकरी का दूध पीने से डेंगू ठीक हो जाता है, इस विषय पर ज्यादा जानकारी के लिए हमने उत्तर पूर्वी दिल्ली के जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी, डॉ. पीयूष मिश्रा से बात की।
बकरी के दूध के पोषक तत्व
नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन के अनुसार, गाय के दूध के प्रोटीन की तुलना में, बकरी के दूध के प्रोटीन में ट्रिप्टोफैन और सिस्टीन जैसे कई पोषक तत्व पाए जाते हैं। इसके अलावा बकरी के दूध में फैट, प्रोटीन, लैक्टोज, मिनरल और विटामिन होते है, जो सेहत के लिहाज से बहुत फायदेमंद होता है। साथ ही बकरी के दूध में कई ऐसे पोषक तत्व होते हैं, जो शरीर की सूजन, बीमारियों और संक्रमण की रोकथाम में मदद करते हैं।
क्या बकरी का दूध पीने से डेंगू ठीक हो जाता है?
डेंगू में बकरी के दूध का सेवन इसलिए फायदेमंद माना जाता है, क्योंकि कई रिपोर्ट्स में सामने आया है कि बकरी के दूध में सेलेनियम पाया जाता है। डेंगू में अहम खतरा सेलेनियम और प्लेटलेट काउंट का होता है। डेंगू का मरीज जब बकरी के दूध का सेवन करता है, तो इससे सेलेनियम का स्तर बढ़ता है और बुखार से राहत मिलती है। इसके अलावा बकरी के दूध में सामान्य दूध से अलग मात्रा में मिनरल्स पाए जाते हैं, जिसकी वजह से यह पाचन क्रिया को ठीक करता है। लेकिन डॉ. पीयूष मिश्रा का कहना है कि बकरी के दूध से डेंगू के प्लेटलेट्स काउंट में किसी तरह का इजाफा होता है, इस बात का कोई भी वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है। आम लोग सालों से डेंगू में प्लेटलेट्स काउंट बढ़ाने के लिए बकरी के दूध का इस्तेमाल सिर्फ कही-सुनी बातों के हिसाब से कर रहे हैं।
इसके अलावा डेंगू में बकरी के दूध के अलावा पपीते के पत्तों का भी इस्तेमाल किया जाता है। लेकिन हमेशा ऐसा करने से बचना चाहिए। कई बार डेंगू, मलेरिया जैसी सीजनल बीमारी में घरेलू नुस्खों और कहीं सुनी बातों का इस्तेमाल करने से बीमारी और भी ज्यादा बढ़ सकती है और मरीज की स्थिति बिगड़ सकती है। डॉ. पीयूष मिश्रा के अनुसार, अगर किसी व्यक्ति को डेंगू बुखार के लक्षण नजर आते हैं, तो उसे तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए और दवाओं के निर्धारित पाठ्यक्रम का पालन करना चाहिए।