Overall Health

चिकनगुनिया एक से दूसरे व्यक्ति को नहीं फैलता है। हां, अगर संक्रमित मच्छर काट ले तो स्वस्थ व्यक्ति बीमार हो सकता है।

चिकनगुनिया एक घातक बीमारी है। यह बीमारी मच्छरों के काटने से होती है। हालांकि, इस बीमारी का अब तक कोई सटीक इलाज नहीं मिला है। लेकिन, कुछ वैक्सीन मौजूद हैं, जिनकी मदद से चिकगुनिया से बचाव किया जा सकता है। सवाल है, इस बीमारी को हम घातक क्यों कहते हैं? अपको बता दें कि यह सामान्य बुखार से बिल्कुल अलग है। जब चिकनगुनिया होता है, तो मरीज को तीव्र बुखार, बदन दर्द और खासकर जोड़ों में तेज दर्द का अहसास होता है। चिकनगुनिया ठीक होने में भी काफी समय लेती है। इस बीमारी को पूरी तरह ठीक होने में करीब एक सप्ताह का समय लग जाता है। वहीं, कछ लोग ऐसे भी हैं, जिनका चिकनगुनिया के कारण हुआ बुखार तो ठीक हो जाता है, लेकिन जोड़ों में दर्द लंबे समय तक बना रहता है। ऐसे में बहुत जरूरी है कि आपको चिकनगुनिया से जुड़ी सभी जरूरी बातें पता हों, ताकि समय रहते इससे बचाव किया जा सके। विशेषकर, यह जानना ज्यादा आवश्यक है कि क्या यह एक व्यक्ति से दूसरे में फैलता है यानी क्या यह संक्रामक बीमारी है? इस बारे में हमने शारदा हॉस्पिटल में जनरल मेडिसिन के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. भूमेश त्यागी से बातचीत की।

क्या चिकनगुनिया एक से दूसरे व्यक्ति में फैलता है?
जैसा कि हम मानते हैं कि बुखार एक से दूसरे व्यक्ति में आसानी से फैल जाता है। इसलिए, विशेषज्ञ हमेशा बुखार से पीड़ित व्यक्ति से दूर रहने और जरूरी सावधानियां बरतने की सलाह देते हैं। लेकिन, चिकनगुनिया के मरीजों के साथ ऐसा नहीं है। यानी क्या चिकनगुनिया एक दूसरे से फैलता है? इस संबंध में विशेषज्ञों की राय है कि ऐसा नहीं होता है। आमतौर पर चिकनगुनिया फैलता नहीं है। यह संक्रामक बीमारी नहीं है। हां, अगर कोई इंफेक्टेड मच्छर स्वस्थ व्यक्ति को काट ले, तो उसे भी यह बीमारी हो सकती है। यही कारण है कि एक्सपर्ट्स सलाह देते हैं कि घर के आसपास मच्छरों को पनपने न दें। मानसून का सीजन है। इन दिनों अक्सर बरसात का पानी जमा हो जाता है, जहां आसानी से मच्छर पैदा हो सकते हैं। अगर घर के आसपास या घर में गंदगी हो, तो उसे साफ करके रखें, ताकि मच्छरों से बचा जा सके।

चिकनगुनिया के लिए कब जाएं डॉक्टर के पास
आमतौर पर चिकनगुनिया के होने का तब तक पता नहीं चलता है, जब तक प्रॉपर टेस्ट न करवाए जाएं। क्योंकि अक्सर लोग इसके शुरुआती लक्षण को देखकर इसे तीव्र बुखार समझ लेते हैं और कुछ दिनों तक वायरल फीवर की दवा लेते हैं। जबकि, चिकनगुनिया होने पर इस तरह की लापरवाही किया जाना सही नहीं होता है। क्यांकि यह जानलेवा भी साबित हो सकता है। हालांकि, लोगों के मन में यह सवाल आ सकता है कि क्या चिकनगुनिया से मौत होती है? विशेषज्ञों की मानें, तो ऐसा बहुत कम मामलों में देखा गया है। लेकिन, जरूरी है कि आप चिकनगुनिया बुखार की पहचान करें। अगर आपको बुखार के साथ-साथ चिकनगुनिया के लक्षण नजर आएं, तो तुरंत डॉक्टर के संपर्क कर अपना ब्लड टेस्ट करवाएं।



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