Overall Health

दूषित पानी के इस्तेमाल से टाइफाइ, हेपाटाइटिस ए और जिआर्डिया जैसी बीमारियां हो सकती हैं। जानें, इनसे बचाव कैसे करें-

बारिश का मौसम है। हर जगह जलभराव की समस्या हो रही है। कहीं-कहीं पानी इतना ज्यादा इकट्ठा हो गया है, जिससे मच्छर के होने का रिस्क बढ़ जाता है। यह बात हम सभी जानते हैं कि मच्छरों की वजह से कई घातक बीमारियां हो सकती हैं। इन बीमारियां न सिर्फ गंभीर लक्षण उभरते हैं, बल्कि लापरवाही की जाए या सही तरह से देखभाल न की जाए, तो जानलेवा भी साबित हो सकती है। वहीं, बारिश के दिनों में पानी से होने वाली बीमारियों का जोखिम भी अधिक बढ़ जाता है। क्योंकि पानी आसानी से दूषित हो जाता है, जो बीमारियों के जिम्मेदार हो सकता है। दूषित पानी के कारण कोई भी बीमार हो सकता है, इसमें बच्चे, वयस्क, महिलाएं और बुजुर्ग सब शामिल हैं। ऐसा किसी के साथ न हो, इसके लिए बहुत जरूरी है कि आपको वॉटर बोर्न डिजीज के बारे में पता हो। आइए, जानते हैं इनके बारे में विस्तार से। इस बारे में हमने दिल्ली के चिराग एन्क्लेव में स्थित अपोलो स्पेक्ट्रा में Senior Consultant- Internal Medicine डॉ. शुभ्रा गुप्ता से बातचीत की।

दूषित पानी के इस्तेमाल से हो सकती हैं ये बीमारियां-

दूषित पानी की वजह से हो सकता है टाइफाइड
बारिश के दिनों में अक्सर टाइफाइड के मरीजों की संख्या बढ़ जाती है। इसके पीछे दूषित पानी मुख्य कारण है। एक्सपर्ट्स का कहना है कि दूषित पानी या दूषित भोजन का सेवन करने से टाइफाइड हो सकता है। यह मुख्य रूप से सैल्मोनेला टाइफी बैक्टीरियम की वजह से होता है। इससे बचने के लिए बहुत जरूरी है कि आप स्वच्छता का ध्यान रखें। आपको बता दें कि टाइफाइड होने पर तेज बुखार, थकान, भूख न लगना, बिना कोशिश के तेजी से वजन घटना जैसे लक्षण नजर आ सकते हैं।

दूषित पानी की वजह से होता है जिआर्डिया
टाइफाइड की तरह ही जिआर्डिया भी दूषित पानी की वजह से होता है। खासर, तालाब या नहर के आसपास के लोगों मे इस तरह की बीमारियां अधिक देखने को मिलती है। इसका मतलब यह नहीं है कि जिआर्डिया शहरों में रह रहे लोगों को नहीं हो सकता है। अक्सर दूषित पानी की सप्लाई के कारण यह समस्या देखने को मिलती है। वास्तव में यह संक्रमण पैरासाइट के जरिए फैलता है, जो कि 3 से 7 दिनों में ठीक भी हो जाता है। इसके लक्षणों की बात करें, तो जिआर्डिया होने पर व्यक्ति के पेट में दर्द, डायरिया, मतली और अचानक वजन घटना जैसी समस्या देखने को मिलती है।

दूषित पानी की वजह से होता है हेपाटाइटिस ए
हेपाटाइटिस ए लिवर से जुड़ा संक्रमण है। यह समस्या दूषित भोजन या पानी पीने के कारण होती है। इसके अलावा, अगर किसी संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आ जाएं, तो भी इसके होने का रिस्क रहता है। इस तरह की बीमारी अक्सर उन्हें होती है, जो ग्रामीण क्षेत्रों में अधिक ट्रैवल करते हैं और हाइजीन को मेंटेन नहीं करते हैं। हेपाटाइटिस ए होने पर थकान, जॉन्डिस, मतली, उल्टी, अचानक तेज बुखार आने जैसे लक्षण दिखते हैं।

दूषित पानी की वजह से हो रही बीमारियों से कैसे बचें-

  • हमेशा अपने आसपास पूरी सफाई रखें। वॉशरूम यूज करने के बाद उसे अच्छी तरह फ्लश करें। गंदे वॉशरूम का यूज न करें।
  • हमेशा पर्सनल हाइजीन का ध्यान रखें। मानसून के दिनों में महिलाओं को इंटीमेट हाइजीन का ध्यान अधिक रखना चाहिए वरना संक्रमण का खतरा बना रहता है।
  • फूड सेफ्टी प्रीकॉशन लेना न भूलें। इन दिनों कच्ची सब्जियां खाने से बचें। हमेशा ताजी सब्जियां ही खरीदें। सब्जियों को अच्छी तरह पकाएं।
  • दूषित पानी न पिएं। हमेशा साफ पानी पिएं। पानी को पीने से पहले उबाल लेना अच्छा होता है। इससे बीमारियों से बचाव की संभावना बढ़ जाती है।



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