प्रेग्नेंसी में गॉलब्लैडर स्टोन का इलाज सर्जरी और अन्य जरूरी जांच की मदद से किया जाता है।
प्रेग्नेंसी में गॉलब्लैडर स्टोन की समस्या एक बड़ी मुसीबत बन सकती है। बडगाम की रहने वाली नूर फातिमा गर्भवती हैं। अल्ट्रासाउंड के जरिए उन्हें पता चला कि उनके गॉलब्लैडर में स्टोन है। डॉक्टरों ने बताया कि गॉलब्लैडर की सर्जरी, डिलीवरी के बाद ही हो सकेगी। नूर फातिमा की तरह कई गर्भवती महिलाओं को गॉलब्लैडर में स्टोन की समस्या से जूझना पड़ता है। गॉलब्लैडर में स्टोन का दर्द असहनीय हो सकता है। अगर गॉलब्लैडर में स्टोन का इलाज न किया जाए, तो गॉलब्लैडर में इंफेक्शन हो सकता है। महिलाओं को हार्मोनल बदलाव के कारण, गॉलब्लैडर में स्टोन होने का खतरा पुरूषों से 3 गुना ज्यादा खतरा होता है। इस लेख में जानेंगे कि प्रेग्नेंसी में गॉलब्लैडर स्टोन का इलाज कैसे किया जाता है।
प्रेग्नेंसी में गॉलब्लैडर स्टोन का इलाज कैसे किया जाता है?- How Gallbladder Stone in Treated in Pregnancy
प्रेग्नेंसी में गॉलब्लैडर स्टोन का पता लगाने के लिए एब्डॉमिनल अल्ट्रासाउंड किया जाता है। इसके बाद गॉलब्लैडर का एक्स-रे किया जाता है। इसे मेडिकल भाषा में ओरल कोलेसिस्टोग्राम (Oral Cholecystogram) कहा जाता है। गॉलब्लैडर हटाने की सर्जरी को कोलेसिस्टेकटॉमी (Cholecystectomy) कहा जाता है। लक्षणों के मुताबिक, डॉक्टर तय करते हैं कि गॉलब्लैडर का ऑपरेशन डिलीवरी के बाद किया जाना चाहिए या उससे पहले। अगर गॉलब्लैडर स्टोन के कारण गंभीर समस्याएं होती हैं, जैसे कि पित्ताशय में सूजन या संक्रमण, तो डॉक्टर लैप्रोस्कोपिक सर्जरी करने की सलाह दे सकते हैं। इस सर्जरी को गर्भावस्था के दूसरे तिमाही में किया जा सकता है क्योंकि यह गर्भ के लिए कम नुकसानदायक होती है।
प्रेग्नेंसी में गॉलब्लैडर स्टोन होने पर किन बातों का ख्याल रखें?
प्रेग्नेंसी में गॉलब्लैडर स्टोन होने पर कुछ खास बातों का ध्यान रखना बहुत जरूरी है ताकि आप और गर्भस्थ शिशु को स्वस्थ रखा जा सके-
- फैटी और तले हुए खाद्य पदार्थ को खाने से बचें। ऐसे खाद्य पदार्थ जो बहुत ऑयली होते हैं, उसे खाने से बचें क्योंकि ये गॉलब्लैडर के कार्य को बढ़ाते हैं और स्टोन का दर्द बढ़ सकता है।
- डाइट में ट्रांस फैट्स और अन्य हानिकारक फैट होते हैं, जो आपकी स्थिति को और खराब कर सकते हैं।
- गॉलब्लैडर स्टोन का इलाज करने के लिए प्रेग्नेंसी में घरेलू इलाज का सहारा न लें। इससे गॉलब्लैडर संबंधित समस्याएं हो सकती हैं।
- डाइट में फाइबर युक्त आहार को शामिल करें। डाइट में फल, सब्जियां, साबुत अनाज आदि का सेवन करें।
- एक साथ ज्यादा भोजन खाने के बजाय, छोटे-छोटे हिस्सों में भोजन करें। इससे गॉलब्लैडर पर दबाव होगा।
- शरीर को हाइड्रेटेड रखना जरूरी है क्योंकि यह पित्त की सूजन को कम करने में मदद करता है।
- प्रेग्नेंसी में तनाव कम करें। तनाव घटाने के लिए योग, मेडिटेशन और डीप ब्रीदिंग एक्सरसाइज की मदद लें।
- ऐसी एक्सरसाइज जो गॉलब्लैडर पर अतिरिक्त दबाव डाल सकते हैं, उनसे बचें। हल्की शारीरिक जैसे वॉकिंग की मदद ले सकते हैं।
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