लगातार तनाव और एंग्जाइटी के कारण भावनात्मक अस्थिरता हो सकती है, जिससे बार-बार मूड में उतार-चढ़ाव हो सकता है। तनाव शरीर के मुख्य तनाव हार्मोन कोर्टिसोल के स्राव को बढ़ाता है, जो न्यूरोट्रांसमीटर के संतुलन को बिगाड़ सकता है और मूड में बदलाव का कारण बन सकते है।
मूड स्विंग कई व्यक्तियों में व्यापक रूप से अनुभव किया जाता है, जो भावनाओं में अचानक और तीव्र बदलावों को कहा जाता है। जबकि कभी-कभी मूड स्विंग होना सामान्य बात है, बार-बार होने वाली घटनाएं दैनिक जीवन को बाधित कर सकती हैं और आपके स्वास्थ्य संबंधी चिंताओं का संकेत दे सकती हैं।
इसके बारे में ज्यादा जानने के लिए हमने बात की सीनियर क्लीनिकल साइकोलॉजिस्ट डाॅ आशुतोष श्रीवास्तव से।
यहां हैं मूड स्विंग के कॉमन कारण (Causes of mood swing)
हॉर्मोन में बदलाव होने के कारण
डाॅ आशुतोष श्रीवास्तव बताते है कि महिलाओं में हार्मोन के स्तर में परिवर्तन, विशेष रूप से एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरोन, मूड स्विंग का कारण बन सकते हैं। यह अक्सर पीरियड, गर्भावस्था, पेरिमेनोपॉज़ और मेनोपॉज के दौरान देखा जाता है। हार्मोनल उतार-चढ़ाव मस्तिष्क में न्यूरोट्रांसमीटर, जैसे सेरोटोनिन और डोपामाइन को प्रभावित करते हैं, जो मूड स्विंग का कारण होते है।
स्ट्रेस और एंग्जाइटी के कारण
लगातार तनाव और एंग्जाइटी के कारण भावनात्मक अस्थिरता हो सकती है, जिससे बार-बार मूड में उतार-चढ़ाव हो सकता है। तनाव शरीर के मुख्य तनाव हार्मोन कोर्टिसोल के स्राव को बढ़ाता है, जो न्यूरोट्रांसमीटर के संतुलन को बिगाड़ सकता है और मूड में बदलाव का कारण बन सकते है।
थायरॉइड के कारण
थायरॉइड हार्मोन मेटाबालिज्म और मूड दोनों को नियंत्रित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। हाइपोथायरायडिज्म और हाइपरथायरायडिज्म जैसी स्थितियां हार्मोन संतुलन को बिगाड़ सकती हैं, जिसके परिणामस्वरूप मूड स्विंग, चिड़चिड़ापन और अवसाद के लक्षण हो सकते हैं।
पोषक तत्वों की कमी
विटामिन बी12, फोलेट, विटामिन डी और ओमेगा-3 फैटी एसिड जैसे आवश्यक पोषक तत्वों की कमी मूड स्विंग का कारण बन सकता है। ये पोषक तत्व न्यूरोट्रांसमीटर के उत्पादन के लिए महत्वपूर्ण हैं जो मूड स्विंग की कारण है।
इन आसान तरीकों को अपनाकर मूड स्विंग से उबरा जा सकता है (How to deal with mood swings)
एक्सरसाइज करना शुरू करें
व्यायाम और मानसिक स्वास्थ्य एक दूसरे से जुड़े हुए हैं। नियमित व्यायाम तनाव को कम कर सकता है, एंग्जाइटी को कम कर सकता है और आपके मूड को स्थिर कर सकता है।
अपनी दिनचर्या में 30 मिनट की सैर को शामिल करने का प्रयास करें। यह आपके मूड को बेहतर बनाने के लिए पर्याप्त हो सकता है। ऐसे वर्कआउट करने की कोशिश करें जो आपको पसंद हों, चाहे वह रॉक क्लाइम्बिंग हो, योग हो या तैराकी।
पर्याप्त नींद लेना
नींद की कमी वास्तव में मूड स्विंग में योगदान दे सकती है और आपके समग्र मूड को नकारात्मक रूप से प्रभावित कर सकती है। भले ही नींद की कमी आपके मूड स्विंग का एकमात्र कारण न हो, लेकिन यह उन्हें बढ़ा सकता है। अच्छे स्वास्थ्य और कल्याण के लिए हर रात सात या अधिक घंटे सोना जरूरी है।
संतुलित आहार लेना है जरूरी
कुछ आहार जैसे कृत्रिम खाद्य रंग, उच्च चीनी वाले फूड, कैफीन, और अत्यधिक कार्बोहाइड्रेट और उसके बाद थकान, साथ ही बेचैनी परेशानी की भावना पैदा कर सकती हैं। आप जो खाते हैं उसका सीधा असर आपके मस्तिष्क के कार्य और समग्र मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य पर पड़ता है।
इस कारण से अपने दैनिक आहार में स्वस्थ चीजों को शामिल करना महत्वपूर्ण है, जिसमें फल और सब्जियां, गहरे रंग की पत्तेदार सब्जियां, भरपूर प्रोटीन और कुछ मात्रा में साबुत अनाज शामिल हैं।
ट्रिगर्स से बचें
मूड स्विंग को ट्रिगर करने वाली स्थितियों को समझना और उनसे बचना उन्हें रोक सकता है। उदाहरण के लिए, अगर आपको पता है कि शराब पीने या नींद न लेने से आपके मूड पर असर पड़ेगा, तो शराब से बचने या जल्दी सोने की कोशिश करें।