15 मिनट के अंदर ही पास की नजर बढ़ाने वाले EYE DROP के निर्माण और बिक्री पर रोक लगा दी गई है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने PresVu Eye Drop का निर्माण करने वाली मुंबई के Entod फार्मास्यूटिकल्स के इस तरह के दावों को न्यू ड्रग्स एंड क्लिनिकल ट्रायल रूल्स, 2019 के प्रावधानों को उल्लंघन बताते हुए, अगले आदेश तक दवा पर रोक लगा दी है। भारत के औषधि महानियंत्रक (DCGI) की ओर से जारी आदेश में कहा गया है कि Pilocarpine Hydrochloride Ophthalmic Solution वयस्कों में प्रेसबायोपिया के इलाज के लिए के लिए स्वीकृत है और कंपनी जिस तरह के दावे कर रहे है, उसके लिए सेंट्रल लाइसेंसिंग अथॉरिटी से कोई मंजूरी नहीं ली गई थी।
क्या दावा किया था कंपनी ने
Entod फार्मा ने दावा किया था कि PresVu Eye Drop एक एडवांस विकल्प प्रदान कर सकता है, जो 15 मिनट के भीतर नजदीकी दृष्टि को बढ़ाता है। इसके साथ ही यह भी कहा गया था कि यह देश का पहला ऐसा आई ड्रॉप डिजाइन किया गया है, जो प्रेसबायोपिया (presbyopia ) से पीड़ित लोगों के लिए पढ़ने के चश्मे पर निर्भरता को कम करने में मदद कर सकता है। जबकि कंपनी को उत्पाद के निर्माण और बिक्री की मंजूरी प्रेसबायोपिया के इलाज के लिए दी गई थी। दावा किया गया था कि इस आई ड्रॉप के प्रयोग से चश्मा भी हट सकता है और दवा डालने के 15 मिनट के अंदर ही असर होने लगेगा। दिखने में फर्क आने लगेगा। इन दावों के बाद लोगों में इस आई ड्रॉप को लेकर काफी उत्सुकता देखने को मिली थी। मीडिया और सोशल मीडिया में दवा को लेकर चर्चाएं हुई क्योंकि चश्मे से परेशान लोगों को प्रेस्वू आई ड्रॉप के रूप में बड़ी उम्मीद नजर आई। वहीं अब भारत के औषधि महानियंत्रक के आदेश के बाद यह साफ हो गया है कि कंपनी को इस तरह के दावे करने का अधिकार नहीं दिया गया था।
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