दुनियाभर में हर साल 12 अक्टूबर को विश्व गठिया दिवस मनाया जाता है। जानें इस दिन का इतिहास, महत्व और थीम के बारे में।
अर्थराइटिस यानि गठिया हड्डियों से जुड़ी एक समस्या है। दुनियाभर में गठिया के लाखों मरीज हैं। गठिया से पीड़ित होने पर मरीज को घुटनों, जोड़ों और हड्डियों में दर्द होता है। कई मामलों में गठिया होने पर मरीज को सूजन और दर्द भी होता है। आमतौर पर गठिया उम्र बढ़ने पर होता है, लेकिन आजकल खराब लाइफस्टाइल के चलते युवाओं में भी यह समस्या तेजी से बढ़ रही है। ग्लोबल रयूमेटॉयड अर्थराइटिस नेटवर्क 2021 की एक रिपोर्ट के मुताबिक दुनियाभर में करीब 35 करोड़ से भी ज्यादा लोग गठिया से पीड़ित हैं। दुनियाभर में हर साल 12 अक्टूबर को विश्व गठिया दिवस मनाया जाता है। इस दिन को मनाकर गठिया के मरीजों का हौंसला अफजाई किया जाता है।
विश्व गठिया दिवस का इतिहास (World Arthritis Day History)
विश्व गठिया दिवस की पहल आर्थराइटिस एंड रूमेटिज्म इंटरनेशनल (ARI) द्वारा सबसे पहले की गई थी। पहली बार इस दिवस को साल 1996 में मनाया गया था। इस दिन के बाद से हर साल 12 अक्टूबर को विश्व गठिया दिवस को मनाया जाने लगा। इस दिवस दुनियाभर में गठिया के बढ़ते मरीजों की संख्या को देखते हुए मनाया जाने लगा।
विश्व गठिया दिवस का महत्व (World Arthritis Day Significance)
विश्व गठिया दिवस मनाने के पीछे का मकसद लोगों में गठिया को रोकना है। चूंकि, दुनियाभर में लोग तेजी से गठिया के शिकार हो रहे हैं। इसलिए इस दिवस को मनाकर इस दिन गठिया से जूझ रहे लोगों का हौंसला अफजाई करने के साथ ही उन्हें जल्दी रिकवर होने की टिप्स के बारे में बताया जाता है। इस दिन हेल्थ केयर प्रोवाइडर्स और हेल्थ से जुड़ी संस्थाएं लोगों को गठिया से बचने की टिप्स के बारे में बताते हैं। इस दिन मनाकर ज्यादा से ज्यादा लोगों को गठिया से जुड़ी जानकारियां दी जाती हैं।
विश्व गठिया दिवस की इस साल की थीम (World Arthritis Day 2024 Theme)
विश्व गठिया दिवस की इस साल की थीम “Informed Choices, Better Outcomes” है। इस थीम के जरिए लोगों को यह समझाना है कि अगर गठिया के बारे में पहले से ही जानकारी हो तो इसके बेहतर परिणाम मिल सकते हैं।