Overall Health

ब्लैक प्लास्टिक रीसाइकल्ड प्लास्टिक से बनता है, जिसमें कार्बन ब्लैक जैसे केम‍िकल्‍स होते हैं। इसका इस्‍तेमाल फूड पैकेजिंग और अन्य चीजों में होता है।

आजकल फूड डिलीवरी का चलन तेजी से बढ़ रहा है। लोगों की सुविधा और व्यस्त लाइफस्‍टाइल को देखते हुए, घर बैठे मनपसंद खाना मंगवाना आम बात हो गई है। इसके साथ ही, फूड पैकेजिंग के लिए इस्‍तेमाल किए जाने वाले काले प्‍लास्टिक कंटेनरों का चलन भी बढ़ा है। ये कंटेनर हल्के, टिकाऊ और सस्ते होते हैं, जो डिलीवरी सेवाओं के लिए सुव‍िधानजक माने जाते हैं। हालांकि, इन कंटेनरों के स्वास्थ्य प्रभाव को लेकर कई चिंताएं उठाई गई हैं। विशेषज्ञों के अनुसार, काले प्‍लास्टिक कंटेनर अक्‍सर रिसाइकल किए गए प्‍लास्टिक से बनाए जाते हैं। इनको तैयार करने प्रक्रिया में कई बार हानिकारक केमिकल्स का इस्‍तेमाल होता है। इसके अलावा, गर्म भोजन के साथ संपर्क में आने पर ये केमिकल्स भोजन में घुल सकते हैं, जो स्वास्थ्य के लिए खतरनाक हो सकते हैं। इस लेख में हम काले प्‍लास्टिक कंटेनरों के स्वास्थ्य जोखिम और सुरक्षित विकल्पों पर चर्चा करेंगे। साथ ही जानेंगे क‍ि ये काले प्‍लास्‍ट‍िक कंटेनर, कैंसर का कारण बन सकते हैं या नहीं।

काले प्‍लास्टिक कंटेनर कैसे बनते हैं?
काले प्‍लास्टिक कंटेनर रिसाइकल किए गए प्‍लास्टिक से बनाए जाते हैं। इन कंटेनरों को काला रंग देने के लिए कार्बन ब्लैक जैसे केम‍िकल्‍स का इस्‍तेमाल किया जाता है। रिसाइक्लिंग प्रक्रिया के दौरान कई प्रकार के प्‍लास्टिक को मिलाया जाता है, जिनमें कई बार हानिकारक केमिकल्स भी शामिल होते हैं। ये केमिकल्स भोजन के संपर्क में आने पर उसके साथ म‍िल सकते हैं।

क्‍या काले प्‍लास्टिक कंटेनर कैंसर का कारण बन सकते हैं?
एम्स्टर्डम की टॉक्सिक-फ्री फ्यूचर और व्रीजे यूनिवर्सिटी के वैज्ञान‍िकों की टीम ने परीक्षण के दौरान काले प्लास्टिक से बने कई घरेलू उत्पादों में कैंसर-कारक और हार्मोन्‍स को प्रभाव‍ित करने वाले केम‍िकल्‍स के हाई लेवल का पता लगाया। इनमें खाद्य सेवा उपकरण, रसोई के बर्तन और खिलौने शामिल थे। इस आधार पर कहा जा सकता है क‍ि काले प्‍लास्‍ट‍िक कंटेनर, कैंसर का कारण बन सकते हैं। कई रिसाइकल प्‍लास्टिक कंटेनरों में बिस्फेनॉल ए पाया जाता है, जो शरीर में हार्मोनल असंतुलन पैदा कर सकता है और यह कैंसर जैसी बीमारियों का जोखिम बढ़ा सकता है। काले प्‍लास्टिक में फेथलेट्स नाम का केम‍िकल पाया जाता है, जो प्‍लास्टिक को लचीला बनाने के लिए इस्‍तेमाल होता है। ये केम‍िकल भोजन में घुलकर शरीर में पहुंच सकते हैं और डीएनए को नुकसान पहुंचा सकते हैं। जब काले प्‍लास्टिक कंटेनर को गर्म खाने के साथ इस्‍तेमाल किया जाता है, तो इसके केमिकल्स भोजन में रिस सकते हैं। ये केमिकल्स कैंसरकारी हो सकते हैं, खासकर अगर यह प्रक्रिया लंबे समय तक होती रहे।

कौन से बर्तन हैं सेहत के ल‍िए सुरक्षित?

  • किचन में लकड़ी के बर्तनों का इस्‍तेमाल कर प्‍लास्टिक के बर्तनों के प्रयोग से बचा जा सकता है।
  • अगर आप अपने किचन में नॉनस्टिक पैन या कढ़ाई का इस्‍तेमाल कर रहे हैं तो सावधान हो जाइए। इससे निकलने वाला केमिकल आपको बीमार कर सकता है। काले नॉनस्टिक बर्तनों के बजाए स्‍टेनलेस स्‍टील के बर्तनों को चुनें।
  • खाना गर्म करने, परोसने और खाने के लिए कांच और सिरेमिक के बर्तनों का इस्‍तेमाल करें।

जरूरी सावधानियां

  • गर्म भोजन को काले प्‍लास्टिक कंटेनर में रखने से बचें। यह भोजन को कमरे के तापमान पर ठंडा होने के बाद ही उसमें डालें।
  • रिसाइकल प्लास्टिक को बार-बार इस्‍तेमाल करने से इसके हानिकारक केमिकल्स भोजन में घुल सकते हैं।
  • हमेशा उन प्लास्टिक कंटेनरों का इस्‍तेमाल करें जिन पर ‘फूड-ग्रेड’ का लेबल हो। यह लेबल दर्शाता है कि कंटेनर भोजन के लिए सुरक्षित है।
  • काले प्‍लास्टिक कंटेनर का इस्‍तेमाल सुविधाजनक है, लेकिन यह स्वास्थ्य के लिए हान‍िकारक हो सकता है। इनसे जुड़े नुकसान को देखते हुए इनका इस्‍तेमाल कम करें।



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