(Cervical cancer, treatment, vaccination, identification): अमेरिकी इंटरनेशनल एजेंसी फॉर रिसर्च ऑन कैंसर विश्व में कैंसर मरीजों की संख्या का डेटाबेस तैयार करती है जिसे ग्लोबोकैन 2020 कहा जाता है। इसके अनुसार भारत में महिलाओं को सबसे अधिक ब्रेस्ट कैंसर और फिर सर्वाइकल कैंसर होता है। भारत में हर वर्ष करीब 1,23,000 महिलाओं को सर्वाकल कैंसर होता है जिनमें से करीब 73,000 इसके कारण जान से हाथ धो बैठती हैं।
आरंभिक पहचान से उपचार आसान
यदि इसकी पहचान शरू में ही कर ली जाए तो इसका इलाज आसानी से हो सकता है और मरीज को बचाया जा सकता है। यह धीरे-धीरे बढ़ता है जिससे इसके इलाज के लिए काफी समय मिलता है। इसलिए अगर इसे शुरू में ही इसे पहचान लिया जाए तो इलाज बहुत आसानी से हो सकता है।
एचपीवी से संबंध
ह्यूमन पैपीलोमा वायरस (एचपीवी) सर्वाइकल कैंसर का महत्वपूर्ण कारण है। असल में 99 प्रतिशत मामलों में यही जिम्मेदार होता है। एचपीवी अधितर यौन संबंधों के कारण फैलता है। आरंभिक तौर पर इसके कोई लक्षण नजर नहीं आते और ज्यादातर ये स्वयं ही समाप्त हो जाता है लेकिन इसके कुछ खतरनाक स्ट्रेंस के कारण सर्वाइकल कैंसर हो सकता है। वैज्ञानिकों ने एचपीवी के 100 जीनोटाइप चिन्हित किए हैं जिनमें से 13 अधिक खतरनाक पाए गए हैं। इन जीनोटाइप को कोई नाम न दे कर संख्या के आधार पर चिन्हित किया जाता है। इन 100 जीनोटाइप में से जीनोटाइप 16 और 18 विशेष रूप से महत्वपूर्ण हैं क्योंकि सर्वाइकल कैंसर के 70 प्रतिशत मामले इन दोनों की वजह से ही होते हैं। असल में 60 प्रतिशत मामले टाइप 16 और 10 प्रतिशत टाइप 18 की वजह से होते हैं।
बचाव के तरीके
नियमित परीक्षण सर्वाइकल कैंसर से बचाव का सबसे अच्छा तरीका है। इससे शुरू में ही कैंसर का पता लग सकता है जिस से उपचार आसान हो जाता है। इसकी पहचान के लिए खास तौर से पैप टेस्ट किया जाता है जिसे पैप स्मियर भी कहते हैं। इसके तहत सर्वाइकल सेल के सैम्पल एकत्र किए जाते हैं और उन्हें जांचा जाता है कहीं उनमें कैंसर का कोई लक्षण तो नहीं।
टीकाकरण
सर्वाइकल कैंसर से बचाव के लिए टीकाकरण महत्वपूर्ण उपाय है जो बहुत प्रभावी है। टीकाकरण का विवरण इस प्रकार हैः
टीकाकरण 9 वर्ष की आयु से आरंभ किया जा सकता है
बाइवैलेंट (सर्वारिक्स) नामक टीका एचपीवी टाइप 16 और 18 से बचाव करता है
क्वाड्रीवैलेंट (गार्डासिल 4 और सर्वावैक) टीका एचपीवी टाइप 6,11,16,18 से बचाव करता है
नोनावैलेंट (गार्डासिल 9) नौ तरह के एचपीवी टाइप से बचाव करता है। ये हैं – 6, 11, 16, 18, 31, 33, 45, 52 और 58
सारांश
महिलाओं में जागरूकता फैला कर, नियमित जांच और टीकाकरण के माध्यम से सर्वाइकल कैंसर की विभीषिका से बचा सकता है। ध्यान रहे इस बीमारी से बचाव हो सकता है और समय से पता लगने पर इसका इलाज भी आसान है।
Overall Health Desk
National International News Network (NIN Network)