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International Non-violence Day: क्या गुस्से के कारण आपके भी बिगड़ते हैं काम, तो ऐसे करें एंगर मैनेजमेंट

HIGHLIGHTS

  • महात्मा गांधी अहिंसा के समर्थक थे।
  • ज्यादा गुस्सा हमारे लिए हानिकारक होता है।
  • ऐसे में जानें एंगर मैनेजमेंट के तरीके।

International Non Violence Day 2023: महात्मा गांधी अहिंसा के पुजारी थे। उन्होंने भारत को आजादी दिलाने के लिए भी अहिंसा को चुना था। सत्याग्रह आंदोलन इस बात का सबसे बड़ा प्रमाण है कि शांति से अपनी बात रख कर भी हम जीत हासिल कर सकते हैं। इसलिए उनके जन्मदिन पर अंतरराष्ट्रीय अहिंसा दिवस मनाया जाता है। गुस्सा आना नेचुरल है, लेकिन अधिक गुस्सा हानिकारक हो सकता है। गुस्से में हमारी रीजनिंग की क्षमता कम हो जाती है। अधिक गुस्से से हम दूसरों से ज्यादा अपना नुकसान कर लेते हैं, जिसके बाद पछताने के अलावा और कोई विकल्प नहीं बचता। बापू के जन्मदिवस पर उन्हें याद करते हुए, आइए जानते हैं कुछ ऐसे टिप्स जिनकी मदद से आप अपने गुस्से को कंट्रोल कर बापू के दिखाए अहिंसा की राह पर चल सकते हैं।

सोंच समझ कर बोलें
गुस्से में कही गई बात पर हमेशा बाद में पछतावा ही होता है। आपकी गुस्से में बोली हुई बात स्थिति को और खराब कर सकती है। इसलिए जब भी आप गुस्से में हो, बोलने से पहले सोच लें या गुस्से में न बोलें।

ब्रेक लें
गुस्से में अक्सर समझ नहीं आता कि हम क्या बोल रहे हैं या क्या कर रहे हैं, जिसके अक्सर ही हमें दुष्परिणाम देखने पड़ते हैं। इसलिए जब भी आपको लगे कि आपका गुस्सा आपके काबू से बाहर हो चुका है, तो थोड़ी देर शांति में अकेले रहें। वॉक पर चले जाएं या शांति से कहीं चुपचाप बैठ जाएं। इससे आपके दिमाग को शांत होने का मौका मिलेगा और आपका गुस्सा भी ठंडा हो जाएगा। इसके बाद आप बेहतर सोच पाएंगे।

एक्सरसाइज करें
एक्सरसाइज करने से आपकी मेंटल हेल्थ अच्छी रहती है और आपका स्ट्रेस लेवल भी कम रहता है। जिससे आपको गुस्सा कम आता है। एक्सरसाइज करने से नींद भी अच्छी आती है। इस कारण से भी गुस्सा कंट्रोल में रहता है, क्योंकि आपकी बॉडी रिलैक्स रहती है।

ट्रिगर्स को पहचानें
हर इंसान अलग तरीके से सोचता है, इसलिए सभी का स्वभाव भी अलग होता है। ऐसे में पहचानें कि आपको किन बातों से गुस्सा आता है। किस तरह की चीजें आपको परेशान करती हैं। उन्हें पहचानने के बाद उन चीजों से दूर रहने की कोशिश करें।

अपनी भावनाओं को जाहिर करें
गुस्सा आने का एक कारण मन में दबी बातें हो सकती हैं। इसलिए जब भी आप किसी बात से परेशान हो तो अपने किसी भरोसेमंद दोस्त या परिवार के सदस्य से बात करें। कभी-कभी खुलकर बात करने में असहज महसूस हो सकता है, लेकिन बात करने से आप बेहतर महसूस करेंगे। आप चाहें तो अपनी डायरी में भी अपने मन की बात लिख सकते हैं। इससे भी आपको काफी राहत मिलेगी।

थेरेपी की मदद लें
अगर सभी उपाय करने के बाद भी आप अपने गुस्से पर काबू नहीं कर पा रहे हैं, तो आपको प्रोफेशनल मदद लेनी चाहिए। वे आपकी गुस्से की समस्या को समझने में आपकी मदद कर सकते हैं और इसे कंट्रोल करने का कोई तरीका भी बता सकते हैं।