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स्वस्थ ह्दय के लिए जनआंदोलन तेज हो, डॉक्टर स्वास्थ्य केंद्रों पर आने वाले दिल के मरीजों को जीवनशैली में बदलाव लाने के लिए प्रेरित करेंः सुधांशु पंत, स्वास्थ्य सचिव

HIGHLIGHTS

  • केन्द्रीय स्वास्थ्य सचिव ने भारत में स्वस्थ हृदय के लिए जन आंदोलन को तेज करने हेतु विश्व हृदय दिवस के अवसर पर आयोजित एक वेबिनार की अध्यक्षता की
  • श्री सुधांश पंत ने चिकित्सकों से आग्रह किया कि वे स्वास्थ्य केन्द्रों में आने वाले रोगियों पर थोड़ा अधिक ध्यान दें और उन्हें हृदय रोगों के रोगियों के लिए जीवनशैली में बदलाव लाने के लिए प्रोत्साहित करें
  • वेबिनार में 6,000 से अधिक चिकित्सा अधिकारियों ने भाग लिया

केन्द्रीय स्वास्थ्य सचिव श्री सुधांश पंत ने विश्व हृदय दिवस के अवसर पर स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा चिकित्सा अधिकारियों के लिए आयोजित एक वेबिनार की अध्यक्षता की। इस वेबिनार का उद्देश्य भारत में स्वस्थ हृदय के लिए जन आंदोलन को तेज करना था। वेबिनार में सार्वजनिक स्वास्थ्य विशेषज्ञों के साथ-साथ स्वास्थ्य जगत एवं ह्रदयरोग विज्ञान (कार्डियोलॉजी) से जुड़े विशेषज्ञों ने भाग लिया। इस वेबिनार में 6,000 से अधिक चिकित्सा अधिकारियों ने भाग लिया, जो वास्तव में देशभर के विभिन्न स्वास्थ्य केन्द्रों में तैनात हैं।

वेबिनार के प्रारंभ में, केन्द्रीय स्वास्थ्य सचिव श्री सुधांश पंत ने गैर-संचारी रोगों की रोकथाम एवं नियंत्रण हेतु राष्ट्रीय कार्यक्रम की सेवाओं के विस्तार पर जोर दिया। उन्होंने चिकित्सकों से यह भी आग्रह किया कि वे स्वास्थ्य केन्द्रों में आने वाले मरीजों पर थोड़ा अधिक ध्यान दें और उन्हें हृदय रोग के रोगियों के लिए जीवनशैली में बदलाव लाने के लिए प्रोत्साहित करें। उन्होंने स्वास्थ्य नीति को उपचारात्मक से निवारक एवं स्वास्थ्य संवर्धक में बदलने पर भी जोर दिया, जहां बीमारियों की रोकथाम पर अधिक ध्यान दिया जाए।

अतिरिक्त सचिव एवं राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन की मिशन निदेशक श्रीमती एल. एस. चांगसन ने उप-केन्द्र स्तर, जिसे अब स्वास्थ्य संवर्धन के साथ गैर-संचारी रोगों (एनसीडी) के उपचार हेतु योग, जुम्बा तथा एनसीडी के जोखिम वाले कारकों के बारे में समुदाय को शिक्षित करने के लिए सत्र आयोजित करने के संदर्भ में स्वास्थ्य एवं कल्याण केंद्र (एचडब्ल्यूसी) के रूप में जाना जाता है,तक सेवाओं के विस्तार के पीछे के कार्यक्रम और दृष्टिकोण के व्यापक परिप्रेक्ष्य पर चर्चा की।

संयुक्त सचिव श्री विशाल चौहान ने राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत भारत की मौजूदा प्राथमिक स्वास्थ्य देखभाल प्रणाली के भीतर उच्च रक्तचाप से संबंधित एक अत्यधिक प्रभावशाली एवं व्यापक हस्तक्षेप “भारत उच्च रक्तचाप नियंत्रण पहल” की सीख पर प्रकाश डाला। इस पहल ने 2022 में अपने उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए प्रतिष्ठित संयुक्त राष्ट्र पुरस्कार जीता था। इस पुरस्कार ने निम्नलिखित बातों के लिए भारत की उत्कृष्ट प्रतिबद्धता एवं कार्रवाई को मान्यता दी है: (i) गैर-संचारी रोगों (एनसीडी) की रोकथाम एवं नियंत्रित करना और (ii) एकीकृत जन-केंद्रित प्राथमिक देखभाल प्रदान करना। पहले यह पहल 154 जिलों में लागू की गई थी और अब इसे 300 जिलों में विस्तारित किया गया है। इस पहल को धीरे-धीरे पूरे देश में लागू किया जाएगा। उन्होंने इस कार्यक्रम को बेहतर तरीके से लागू करने और बेहतर परिणाम हासिल करने के लिए मानक उपचार प्रोटोकॉल की उपलब्धता पर भी जोर दिया।

नई दिल्ली स्थित एम्स के कार्डियोलॉजी विभाग के प्रमुख तथा स्वास्थ्य अनुसंधान विभाग के पूर्व सचिव एवं आईसीएमआर के महानिदेशक डॉ. बलराम भार्गव ने इस बात पर जोर दिया कि उच्च रक्तचाप को नियंत्रित व प्रबंधित करने के लिए रोगियों की रक्तचाप की जांच करना महत्वपूर्ण है। भारत में हर चार में से एक वयस्क को उच्च रक्तचाप है। प्राथमिक देखभाल प्रणाली के स्तर पर उच्च रक्तचाप के नियंत्रण से दिल के दौरे, स्ट्रोक और गुर्दे की विफलता के कारण होने वाली मौतों को कम करने में मदद मिलेगी।

National International News Network (NIN Network)

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